प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक को किफायती और सुरक्षित आवास प्रदान करना है। इस योजना की शुरुआत 25 जून 2015 को हुई थी और अब यह अपने तीसरे चरण प्रधानमंत्री आवास योजना 3.0 में प्रवेश कर चुकी है। इसका लक्ष्य 2025 तक सभी बेघर और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को पक्का घर उपलब्ध कराना है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य और लाभ
- 2025 तक प्रत्येक बेघर परिवार को पक्का घर प्रदान करना।
- योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को ₹1,20,000 की वित्तीय सहायता तीन किस्तों में प्रदान की जाएगी:
- पहली किस्त घर की नींव डालते समय।
- दूसरी किस्त आधे निर्माण के पूरा होने पर।
- तीसरी और अंतिम किस्त घर के पूर्ण निर्माण पर।
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत, प्रत्येक लाभार्थी को शौचालय निर्माण के लिए अतिरिक्त ₹12,000 की सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना पात्रता मानदंड
- आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG) और मध्यम आय वर्ग (MIG) के परिवार आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदक या उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम पर भारत में कहीं भी पक्का मकान नहीं होना चाहिए।
- आवेदक ने पूर्व में किसी सरकारी आवास योजना का लाभ नहीं लिया होना चाहिए।
- EWS: अधिकतम ₹3 लाख।
- LIG: ₹3 लाख से ₹6 लाख के बीच।
- MIG-I: ₹6 लाख से ₹12 लाख के बीच।
- MIG-II: ₹12 लाख से ₹18 लाख के बीच।
प्रधानमंत्री आवास योजना आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- पहचान प्रमाण (जैसे वोटर आईडी, पैन कार्ड)
- आय प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- बैंक खाता विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
प्रधानमंत्री आवास योजना आवेदन प्रक्रिया
- आधिकारिक वेबसाइट https://pmaymis.gov.in/ पर जाएं।
- Citizen Assessment सेक्शन में जाकर Apply Online पर क्लिक करें।
- अपना आधार नंबर दर्ज करें और आगे बढ़ें।
- आवेदन फॉर्म में सभी आवश्यक विवरण भरें जैसे व्यक्तिगत जानकारी, संपर्क विवरण, आय संबंधी जानकारी आदि।
- आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
- सभी जानकारी की पुष्टि करने के बाद Submit बटन पर क्लिक करें।
- आवेदन जमा करने के बाद आपको एक आवेदन संख्या प्राप्त होगी जिसे भविष्य के संदर्भ के लिए सुरक्षित रखें।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ और प्रभाव
- बेघर और कच्चे मकानों में रहने वाले परिवारों को पक्के और सुरक्षित घर प्रदान करना।
- घर के स्वामित्व में महिलाओं को प्राथमिकता देकर उनके सशक्तिकरण को बढ़ावा देना।
- शौचालय निर्माण के लिए अतिरिक्त सहायता प्रदान करके स्वच्छता स्तर में सुधार करना।
- निर्माण कार्यों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करना।