केबिन एयर फिल्टर का मुख्य कार्य कार के अंदर आने वाली हवा को साफ करना है, ताकि धूल, परागकण और अन्य प्रदूषक अंदर न आ सकें। समय के साथ, यह फिल्टर गंदगी से भर जाता है, जिससे एयरफ्लो में बाधा आती है और AC की कूलिंग क्षमता कम हो जाती है।
केबिन एयर फिल्टर बदलने का समय कब होता है?
- AC चालू होने पर भी ठंडी हवा नहीं आ रही है।
- वेंट से हवा का प्रवाह कमजोर है।
- कार के अंदर बदबू या फफूंदी जैसी गंध आ रही है।
- AC चालू करने पर असामान्य आवाजें सुनाई देती हैं।
केबिन एयर फिल्टर कैसे बदलें?
अधिकांश कारों में केबिन एयर फिल्टर ग्लव बॉक्स के पीछे स्थित होता है। इसे बदलने के लिए किसी उपकरण की आवश्यकता नहीं होती। आप इसे कुछ आसान चरणों में बदल सकते हैं:
- ग्लव बॉक्स खोलें और उसे धीरे-धीरे नीचे की ओर खींचें।
- फिल्टर कवर को हटाएं और पुराने फिल्टर को बाहर निकालें।
- नए फिल्टर को उसी दिशा में डालें, जैसा कि पुराने फिल्टर में था।
- फिल्टर कवर और ग्लव बॉक्स को वापस लगाएं।
नया केबिन एयर फिल्टर कितने का आता है?
नया केबिन एयर फिल्टर आमतौर पर ₹200 से ₹500 के बीच में उपलब्ध होता है, जो कार के मॉडल और ब्रांड पर निर्भर करता है। इसे हर 6 महीने या साल में एक बार बदलना चाहिए, विशेषकर यदि आप धूलभरे क्षेत्रों में ड्राइव करते हैं।
केबिन एयर फिल्टर की सफाई कैसे करें?
- फिल्टर को बाहर निकालें और उसे हल्के ब्रश या वैक्यूम क्लीनर से साफ करें।
- यदि फिल्टर बहुत गंदा है, तो उसे पानी से धोकर पूरी तरह सूखने दें।
- साफ किए गए फिल्टर को वापस उसी स्थान पर लगाएं।
अन्य कारण जिनसे कार का AC ठंडी हवा नहीं देता
- कम रेफ्रिजरेंट स्तर: AC सिस्टम में रेफ्रिजरेंट की कमी से कूलिंग प्रभावित होती है।
- कंप्रेसर में खराबी: कंप्रेसर AC सिस्टम का हृदय है; इसकी खराबी से कूलिंग बंद हो सकती है।
- कंडेंसर या इवैपोरेटर में गंदगी: इन हिस्सों में गंदगी जमा होने से एयरफ्लो बाधित होता है।
- इलेक्ट्रिकल समस्याएं: फ्यूज या वायरिंग में खराबी से AC काम नहीं कर सकता।
अगर आपकी कार का एयर कंडीशनर (AC) गर्मी में ठंडी हवा नहीं दे रहा है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। इस समस्या का एक आसान और किफायती समाधान है—केबिन एयर फिल्टर की सफाई या उसे बदलना।
केबिन एयर फिल्टर: एक छोटा हिस्सा, बड़ी भूमिका
केबिन एयर फिल्टर का मुख्य कार्य कार के अंदर आने वाली हवा को साफ करना है, ताकि धूल, परागकण और अन्य प्रदूषक अंदर न आ सकें। समय के साथ, यह फिल्टर गंदगी से भर जाता है, जिससे एयरफ्लो में बाधा आती है और AC की कूलिंग क्षमता कम हो जाती है।
केबिन एयर फिल्टर बदलने का समय कब होता है?
- AC चालू होने पर भी ठंडी हवा नहीं आ रही है।
- वेंट से हवा का प्रवाह कमजोर है।
- कार के अंदर बदबू या फफूंदी जैसी गंध आ रही है।
- AC चालू करने पर असामान्य आवाजें सुनाई देती हैं।
केबिन एयर फिल्टर कैसे बदलें?
अधिकांश कारों में केबिन एयर फिल्टर ग्लव बॉक्स के पीछे स्थित होता है। इसे बदलने के लिए किसी उपकरण की आवश्यकता नहीं होती। आप इसे कुछ आसान चरणों में बदल सकते हैं:
- ग्लव बॉक्स खोलें और उसे धीरे-धीरे नीचे की ओर खींचें।
- फिल्टर कवर को हटाएं और पुराने फिल्टर को बाहर निकालें।
- नए फिल्टर को उसी दिशा में डालें, जैसा कि पुराने फिल्टर में था।
- फिल्टर कवर और ग्लव बॉक्स को वापस लगाएं।
नया केबिन एयर फिल्टर कितने का आता है?
नया केबिन एयर फिल्टर आमतौर पर ₹200 से ₹500 के बीच में उपलब्ध होता है, जो कार के मॉडल और ब्रांड पर निर्भर करता है। इसे हर 6 महीने या साल में एक बार बदलना चाहिए, विशेषकर यदि आप धूलभरे क्षेत्रों में ड्राइव करते हैं।
केबिन एयर फिल्टर की सफाई कैसे करें?
- फिल्टर को बाहर निकालें और उसे हल्के ब्रश या वैक्यूम क्लीनर से साफ करें।
- यदि फिल्टर बहुत गंदा है, तो उसे पानी से धोकर पूरी तरह सूखने दें।
- साफ किए गए फिल्टर को वापस उसी स्थान पर लगाएं।
अन्य कारण जिनसे कार का AC ठंडी हवा नहीं देता
- कम रेफ्रिजरेंट स्तर: AC सिस्टम में रेफ्रिजरेंट की कमी से कूलिंग प्रभावित होती है।
- कंप्रेसर में खराबी: कंप्रेसर AC सिस्टम का हृदय है; इसकी खराबी से कूलिंग बंद हो सकती है।
- कंडेंसर या इवैपोरेटर में गंदगी: इन हिस्सों में गंदगी जमा होने से एयरफ्लो बाधित होता है।
- इलेक्ट्रिकल समस्याएं: फ्यूज या वायरिंग में खराबी से AC काम नहीं कर सकता।