भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों की कहानी संघर्ष, युद्ध और शांति प्रयासों से भरी रही है। आज हम उन 10 प्रमुख समझौतों की बात करेंगे, जो दोनों देशों के बीच हुए — कुछ ने शांति की नींव रखी, तो कुछ समय के साथ टूट गए।
1. नेहरू-लियाकत समझौता (1950)
भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान के बीच यह समझौता अप्रैल 1950 में हुआ था। इसका उद्देश्य दोनों देशों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। इस समझौते के तहत दोनों देशों ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा, रोजगार में गैर-भेदभाव और आवागमन की स्वतंत्रता देने का वादा किया था।
2. सिंधु जल संधि (1960)
19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल पर हस्ताक्षर हुए जिसकी मध्यस्थता विश्व बैंक ने की थी। इस संधि के तहत सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी पाकिस्तान को जबकि रावी ब्यास और सतलुज नदियों का पानी भारत को दिया गया। यह संधि दशकों तक दोनों देशों के बीच जल विवादों को सुलझाने में सहायक रही। हालांकि, अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने इस संधि को निलंबित कर दिया, जिससे पाकिस्तान की जल आपूर्ति पर संकट मंडराने लगा।
3. ताशकंद समझौता (1966)
1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, सोवियत संघ की मध्यस्थता में दोनों देशों के बीच यह समझौता हुआ। इसमें युद्धविराम की पुष्टि, सैनिकों की वापसी और द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने पर सहमति बनी। हालांकि, यह समझौता लंबे समय तक प्रभावी नहीं रहा और दोनों देशों के बीच तनाव बना रहा।
4. शिमला समझौता (1972)
1971 के युद्ध के बाद, भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच यह समझौता हुआ। इसमें दोनों देशों ने विवादों को शांतिपूर्ण और द्विपक्षीय तरीके से सुलझाने पर सहमति जताई। इसके तहत युद्धविराम रेखा को नियंत्रण रेखा (एलओसी) में परिवर्तित किया गया। हालांकि, हाल ही में पाकिस्तान ने इस समझौते को निलंबित करने की घोषणा की है।
5. सियाचिन संघर्षविराम समझौता (1989)
सियाचिन ग्लेशियर पर चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए दोनों देशों ने यह समझौता किया। इसमें सैनिकों की वापसी और क्षेत्र को विवाद रहित बनाने पर सहमति बनी। हालांकि, यह समझौता पूरी तरह से लागू नहीं हो सका और सियाचिन पर तनाव बना रहा।
6. लाहौर घोषणा (1999)
भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच यह घोषणा हुई। इसमें दोनों देशों ने परमाणु हथियारों के प्रयोग से बचने, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करने और आपसी विश्वास बढ़ाने पर सहमति जताई। हालांकि, कुछ ही महीनों बाद कारगिल युद्ध ने इस पहल को कमजोर कर दिया।
7. आगरा शिखर सम्मेलन (2001)
भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के बीच यह सम्मेलन हुआ। इसका उद्देश्य कश्मीर मुद्दे पर समाधान खोजना और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारना था। हालांकि, यह सम्मेलन बिना किसी ठोस परिणाम के समाप्त हो गया।
8. 2003 संघर्षविराम समझौता
2003 में भारत और पाकिस्तान ने एलओसी पर संघर्षविराम लागू करने पर सहमति जताई। इससे सीमा पर शांति बनी और दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की प्रक्रिया शुरू हुई। हालांकि, समय-समय पर संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाएं होती रहीं।
9. 2016 उरी हमले के बाद की स्थिति
सितंबर 2016 में उरी में भारतीय सेना पर हुए आतंकी हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत बंद कर दी और सर्जिकल स्ट्राइक की। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया और शांति प्रयासों को झटका लगा।
10. 2025: हालिया घटनाक्रम
हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 भारतीय पर्यटकों की मौत के बाद, भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने शिमला समझौते को निलंबित करने की घोषणा की है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं, जिससे तनाव चरम पर पहुंच गया है।