प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना है। इस योजना के माध्यम से, सरकार कारीगरों को मुफ्त प्रशिक्षण, दैनिक भत्ता, टूलकिट वाउचर, और बिना गारंटी के ऋण जैसी सुविधाएं प्रदान कर रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके और वे आधुनिक तकनीकों से जुड़कर अपने व्यवसाय को और उन्नत बना सकें।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य और लाभ
- कारीगरों को बेसिक (5-7 दिन) और एडवांस (15 दिन या उससे अधिक) प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे वे आधुनिक तकनीकों से परिचित हो सकें। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें ₹500 प्रति दिन का भत्ता भी मिलेगा।
- प्रशिक्षण के दौरान कारीगरों को ₹15,000 तक का टूलकिट वाउचर प्रदान किया जाएगा जिससे वे उपकरण खरीद सकें।
- बिना गारंटी के ₹3 लाख तक का ऋण उपलब्ध होगा, जिसमें पहले चरण में ₹1 लाख (18 महीने की अवधि) और दूसरे चरण में ₹2 लाख (30 महीने की अवधि) का ऋण शामिल है। इस पर ब्याज दर 5% होगी, जिसमें सरकार 8% तक की सब्सिडी प्रदान करेगी।
- प्रति डिजिटल लेनदेन ₹1 का प्रोत्साहन मिलेगा, जो प्रति माह अधिकतम 100 लेनदेन तक सीमित है। यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
- कारीगरों को गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग में सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपने उत्पादों को व्यापक बाजार में बेच सकें।
शामिल व्यवसाय
इस योजना के तहत 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है, जिनमें बढ़ई (कारपेंटर), नाव निर्माता, लोहार (ब्लैकस्मिथ), सुनार (गोल्डस्मिथ), कुम्हार (पॉटर), मूर्तिकार (स्कल्पटर), चर्मकार (कोबलर), राजमिस्त्री (मेसन), टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौना निर्माता, नाई (बार्बर), माली (गारलैंड मेकर), धोबी (वॉशरमैन), दर्जी (टेलर), मछली जाल बनाने वाले, आर्मरर, हैमर और टूल किट मेकर, और लॉकस्मिथ शामिल हैं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पात्रता
- आवेदक की आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
- आवेदक को 18 व्यवसायों में से किसी एक में कार्यरत होना चाहिए।
- आधार कार्ड और बैंक खाता होना अनिवार्य है।
- सरकारी कर्मचारी या उनके परिवार के इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
- पिछले वर्षों में PMEGP, PM SVANidhi, या MUDRA जैसी योजनाओं का लाभ न लिया हो।
प्रशिक्षण विवरण
प्रशिक्षण के दौरान, कारीगरों को आधुनिक तकनीकों, डिज़ाइन, और उद्यमशीलता के बारे में सिखाया जाएगा, जिससे वे अपने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार कर सकें और बाजार की मांग के अनुसार उन्हें तैयार कर सकें। प्रशिक्षण के दौरान मुफ्त बोर्डिंग और लॉजिंग की सुविधा भी प्रदान की जाएगी, जिससे कारीगरों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
टूलकिट वाउचर का उपयोग
कारीगरों को प्रदान किया जाने वाला ₹15,000 का टूलकिट वाउचर ई-रुपी के रूप में होगा, जिसका उपयोग वे निर्धारित केंद्रों से उन्नत उपकरण खरीदने के लिए कर सकते हैं। यह वाउचर बेसिक ट्रेनिंग के शुरू होने पर दिया जाएगा, जिससे कारीगर तुरंत अपने काम में इन उपकरणों का उपयोग कर सकें।
ऋण सुविधा और ब्याज सब्सिडी
बिना गारंटी के ऋण सुविधा कारीगरों को अपने व्यवसाय का विस्तार करने में मदद करेगी। पहले चरण में ₹1 लाख का ऋण 18 महीने की अवधि के लिए और दूसरे चरण में ₹2 लाख का ऋण 30 महीने की अवधि के लिए उपलब्ध होगा। ब्याज दर 5% होगी, जिसमें सरकार 8% तक की सब्सिडी प्रदान करेगी, जिससे कारीगरों पर वित्तीय बोझ कम होगा।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना आवेदन प्रक्रिया
PM Vishwakarma Yojana के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल और सीधी है। आवेदक अपने निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, और व्यवसाय का प्रमाण शामिल हैं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का महत्व
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य न केवल कारीगरों के कौशल को उन्नत करना है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को मान्यता देना भी है। इस योजना के माध्यम से, कारीगरों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जाएगा, जिससे उनके उत्पादों की गुणवत्ता और बाजार मूल्य में वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त, वित्तीय सहायता और टूलकिट वाउचर के माध्यम से उनकी उत्पादन क्षमता में सुधार होगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि संभव होगी।