भारत सरकार ने बेटियों के सशक्तिकरण और उनके सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें से एक प्रमुख योजना है सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), जो न केवल बचत का एक उत्कृष्ट माध्यम है, बल्कि बेटियों की शिक्षा और विवाह के लिए वित्तीय सुरक्षा भी प्रदान करती है। आइए, इस योजना के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा करें।
सुकन्या समृद्धि योजना क्या है?
सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत 2015 में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य माता-पिता को अपनी बेटियों के भविष्य के लिए बचत करने के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि उनकी शिक्षा और विवाह के समय वित्तीय बाधाएं न आएं।
योजना के प्रमुख लाभ
- सुकन्या समृद्धि योजना में मौजूदा समय में 8% की वार्षिक ब्याज दर प्रदान की जाती है, जो अन्य बचत योजनाओं की तुलना में अधिक है। यह उच्च ब्याज दर आपकी बचत को तेजी से बढ़ाने में सहायक होती है।
- इस योजना के तहत जमा की गई राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर छूट मिलती है। साथ ही, परिपक्वता पर प्राप्त राशि और ब्याज भी कर मुक्त होते हैं, जिससे आपकी पूरी बचत कर मुक्त रहती है।
- आप अपने बजट के अनुसार न्यूनतम 250 रुपये से लेकर अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक वार्षिक जमा कर सकते हैं। यह लचीलापन आपको अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार बचत करने की सुविधा देता है।
- इस योजना में खाता खोलने की तिथि से 15 वर्षों तक जमा किया जा सकता है, और खाता परिपक्वता 21 वर्षों में होती है। यह लंबी अवधि की बचत आपकी बेटी के उच्च शिक्षा और विवाह के लिए पर्याप्त धनराशि सुनिश्चित करती है।
पात्रता मानदंड
- खाता केवल 10 वर्ष से कम आयु की बालिका के नाम पर ही खोला जा सकता है।
- एक परिवार में अधिकतम दो बेटियों के नाम पर खाते खोले जा सकते हैं। हालांकि, यदि जुड़वां बेटियां हैं, तो तीसरे खाते की अनुमति भी है।
- बालिका का भारतीय निवासी होना आवश्यक है। यदि खाता खोलने के बाद बालिका एनआरआई बन जाती है, तो खाता बंद कर दिया जाएगा।
आवश्यक दस्तावेज
- बालिका का जन्म प्रमाण पत्र।
- माता-पिता या कानूनी अभिभावक का पहचान प्रमाण (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड)।
- निवास प्रमाण पत्र।
- प्रारंभिक जमा राशि का भुगतान।
खाता खोलने की प्रक्रिया
- आप किसी भी अधिकृत बैंक शाखा या डाकघर में सुकन्या समृद्धि खाता खोल सकते हैं।
- संबंधित बैंक या डाकघर से आवेदन पत्र प्राप्त करें और उसमें आवश्यक विवरण भरें।
- भरे हुए आवेदन पत्र के साथ दस्तावेज संलग्न करें।
- न्यूनतम 250 रुपये की प्रारंभिक जमा राशि के साथ आवेदन जमा करें।
- सत्यापन के बाद खाता खोल दिया जाएगा, और आपको पासबुक प्रदान की जाएगी।
जमा और निकासी के नियम
- खाता खोलने की तिथि से 15 वर्षों तक नियमित जमा किया जा सकता है।
- खाता 21 वर्षों में परिपक्व होता है।
- बालिका के 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर, उच्च शिक्षा या विवाह के लिए खाते में जमा राशि का 50% तक निकाला जा सकता है।
परिपक्वता पर भुगतान
खाता परिपक्व होने पर, संपूर्ण राशि (मूलधन + ब्याज) बालिका को प्रदान की जाती है, जो उसकी उच्च शिक्षा, व्यवसाय या विवाह में सहायक होती है।
विशेष ध्यान देने योग्य बातें
- यदि किसी वर्ष न्यूनतम 250 रुपये जमा नहीं किए जाते हैं, तो खाता निष्क्रिय हो जाता है। इसे पुनः सक्रिय करने के लिए पेनल्टी के साथ बकाया राशि जमा करनी होगी।
- खाता खोलने के बाद यदि बालिका का निवास स्थान बदलता है, तो नए पते की जानकारी संबंधित बैंक या डाकघर को प्रदान करनी चाहिए।