झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मइयां सम्मान योजना’ ने राज्य की महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। अब तक इस योजना के तहत महिलाओं को ₹1000 प्रति माह की वित्तीय सहायता दी जा रही थी, जिसे बढ़ाकर ₹2500 कर दिया गया है। यह वृद्धि दिसंबर 2024 से लागू हो चुकी है, जिससे राज्य की लाखों महिलाओं को सीधा लाभ मिल रहा है।
योजना का उद्देश्य और पात्रता
‘मइयां सम्मान योजना’ का मुख्य उद्देश्य राज्य की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकें। इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की आयु की महिलाएं, जो झारखंड की निवासी हैं और जिनके परिवार की वार्षिक आय निर्धारित सीमा से कम है, पात्र हैं। विशेष रूप से विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता और निराश्रित महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।
हालिया अपडेट: दिसंबर 2024 से ₹2500 की किस्त
दिसंबर 2024 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की कि अब से ‘मइयां सम्मान योजना’ के तहत महिलाओं को ₹2500 प्रति माह की सहायता राशि दी जाएगी। यह घोषणा रांची के नामकुम स्थित खोजाटोली प्रशिक्षण मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की गई थी। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वयं लाभार्थियों के खातों में राशि ट्रांसफर की, जिससे योजना की पारदर्शिता और सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट हुई।
विशेष शिविरों का आयोजन
सरकार ने योजना के लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने और प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए राज्य के विभिन्न पंचायतों में तीन दिवसीय विशेष शिविरों का आयोजन किया है। इन शिविरों में नए लाभार्थियों का नाम जोड़ा जा रहा है और पहले से पंजीकृत लाभार्थियों के दस्तावेजों में सुधार किया जा रहा है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के कारण प्रक्रिया धीमी रही है, लेकिन सरकार इस पर लगातार काम कर रही है।
आधार लिंकिंग में छूट
पहले इस योजना का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड को बैंक खाते से लिंक करना अनिवार्य था। हालांकि, सरकार ने मार्च 2025 तक आधार लिंकिंग की अनिवार्यता में छूट दी है। इससे उन महिलाओं को राहत मिलेगी जो अभी तक अपना आधार बैंक खाते से लिंक नहीं करा पाई हैं।
तकनीकी समस्याएं और समाधान
कुछ लाभार्थियों को आवेदन और भुगतान प्रक्रिया में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे पोर्टल की धीमी गति, सत्यापन में देरी और सर्वर डाउन होना। सरकार ने इन समस्याओं के समाधान के लिए के साथ मिलकर पोर्टल के सुधार पर काम शुरू कर दिया है। लाभार्थियों से अपील की गई है कि वे किसी भी समस्या के लिए योजना की हेल्पलाइन पर संपर्क करें या नजदीकी पर जाएं।
फर्जी कॉल्स से सावधान
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लाभार्थियों को सतर्क करते हुए कहा है कि सरकार योजना से संबंधित कोई कॉल नहीं कर रही है। यदि किसी लाभार्थी को योजना के नाम पर कॉल आता है, तो वे अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे ओटीपी या बैंक खाता विवरण, साझा न करें। सरकार ने ऐसे फर्जी कॉल्स की जांच के लिए पुलिस को सतर्क कर दिया है।
सत्यापन प्रक्रिया में तेजी
सरकार ने पाया है कि योजना के करीब 56 लाख लाभार्थियों में से 20 लाख से अधिक का सत्यापन अभी भी लंबित है। इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं और सरकार का दावा है कि जल्द ही सभी पात्र लाभार्थियों के खातों में राशि भेजी जाएगी।